Sunday 5 July 2015

क्या पंचतत्व ही भगवान है ?

भगवान कौन ? यह सवाल जैहन मे घूम ही रहा था कि मेरे बच्चे स्कूल से आ गये और मुझसे कुछ पुछ्ने लगे कि आप जानते है कि भगवान कौन है ? मै चक्क्कर मे पड गया,कि जो मै लोगो से पुछ रहा हुँ वह बात मेरे नन्हे-नन्हे बच्चे मुझसे पुछ रहे है, मेरे कुछ भी ना बोलने पर  मेरी छ: साल की बेटी बोलने लगी- नही मालूम ... पापा को भगवान के बारे मे नही मालूम, मै बताऊ पापा , लेकिन बीच मे ही आठ वर्ष का मेरा बेटा बोल पडा -- पापा को तो मै बताउंगा कि भगवान कौन है, मै अचरज से उन दोनो को देख रहा था कि जिसे कोई नही जानता उसे ये  दोनो जानंते है सच मे इसी लिये बच्चो को भी भगवान कहा गया है मेरे दोनो भगवान एक साथ बोल पडे -- भगवान तो अपने  नाम मे छुपे है, मैने अनजान बनते हुये पुछा कैसे - दोनो बारी बारी  से बोलने लगे- आज हमारे स्कूल मे सर बता रहे थे कि भगवान का मतलब इस नाम मे ही है , बच्ची ने बोलना बंद किया तो बच्चा बोलने लगा -जैसे भ से भुमि, ग से गगन, व से वायु, आ से आग,न से नीर हो गये भगवान, ये पांच ही भगवान है, इतना कह कर वे दोनो उछलते  हुये अंदर चले गये, मै सोचने लगा कि कितना सरल उपाय बता दिया था बच्चो को , असल मे ये पंच महाभूत ही भगवान है इन्हे पंच तत्व कहते है लेकिन जो बात बच्चो को भी मालूम है उसके लिये ये बाबा लोग दर - दर क्यो भटक रहे है क्या ये पांच तत्व से बना शरीर या ये प्रकृति  ही भगवान है , फिर ये गणेश जी, शंकरजी,और विष्नु भगवान और उनके दस अवतार, यह सब तो अकेले हिंदु धरम मे ही है, बाकी और धर्मो मे भी तरह-तरह के भगवान है उनका नाम भाषा भेद से अलग -अलग है ये सब कौन है ? मै बच्चो की बात से थोडा सा सहमत हु कि लोग कहते है कि जितने भी जीव है वे सब भगवान के अंश है , तब यह बात सही हो रही है कि प्रकृति मे मुख्य रूप से ये पांच तत्व है इनके बिना हम जिवित नही रह सकते है और इन पांचो तत्वो से ही हम बने है " क्षितिजलपावक गगन समीरा, पंच तत्व से बना शरीरा,"इस लिये हम सब मे यानी सभी जीव निर्जीव सब मे भगवान का अंश है, तुलसी दास जी लिखतेहै "सिया राम मय सब जग जानी,कररऊ प्रणाम जोरी जुग पानी," फिर ये सिया राम  क्या है , यह पंच तत्व की बात मुझे भी बचपन मे बताई गई थी लेकिन मुझे तो ज्यादा दिन याद नही रही शायद बच्चो को भी ना रहे , बच्चे तो अब थोडे बडे हो गये है उनके लिये बात पुरानी हो गई है, लेकिन मेरी जिज्ञासा अभी भी बनी हुई है कि ये भगवान कौन है ?
इस जिज्ञासा का समाधान कभी ना कभी तो जरूर होगा, तब तक मै आप लोगो को यह समझाने की कोशीश करूंगा कि ये ब्रम्हा, विष्णु, महेश जी कौन है और क्या है भगवान विष्णु जी के चौबीस या दस अवतारो का रहस्य, और कौन है प्रथम पुज्य गणेश जी महाराज , आप पढ्ते रहे और मेरा मनोबल बढाते रहे, आप को मै सही कह रहा हुँ एक ना एक दिन भगवान को हम पहचान ही लेंगे ... अगली पोस्ट मे प्रथम पुज्य का ही खुलासा करेंगे ... इंतजार किजिये ..

1 comment:

  1. Good, keep it up uncle..
    you are doing good job for god seekers :)

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