"ओम नमो भगवते वासुदेवाय" सभी धार्मिक लोगो का मानना है कि भगवान वासुदेव ही भगवान है कोई राम जी को कोई महादेव जी को भगवान मानता है कोई भगवान महावीर को मानता है लेकिन ये लोग भगवान है या भगवान के रूप है , भगवान का रूप तो चिकित्सक को भी कहा जाता है तो चिकित्सक भगवान हो गया, माँ को भी धरती पर भगवान का रूप कहा गया है तो क्या माँ भी भगवान हो गई, फिर लोग ये भी कहते सुने गये है कि भगवान साकार और निराकार रूप मे है सब रूप है सच मे भगवान कौन है? यह सही सही पता नही चल सका है जब रूप की बात आती है तो रूप तो एक समानता बताने वाला शब्द है न कि असली , सत्य क्या है मै इस खोज मे निकला हुँ, मेरे जैसे लाखो लोग इस सत्य की खोज मे भटक रहे है कोई हिमालय की कंद्राओ मे भटक रहा है कोई मंदिर मंदिर भटक रहा है, कई लोग दिगंबर धारण किये पुरी धरा पर भटक रहे है
मै रोज ध्यान लगाता हुँ कि भगवान दिख जाये लेकिन भगवान की जगह दिन भर की समस्याओ के दर्शन होते है मुझे समझ मे नही आता कि क्या किया जाये , फिर सोचता हुँ क्या जरूरत है मुझे सत्य की खोज करने की,पर मन नही मानता वह कहता है कि खोज तो करनी ही चाहिये, किसी गुरू का सहारा लेना चाहिये गुरू को मालूम है कि भगवान कौन है और सत्य क्या है लेकिन क्या सच मे गुरू ये सब जानता है कि सत्य क्या है फिर वह स्वम क्यो भटक रहा है जानने के बाद तो भटकाव बंद हो जाना चाहिये,
गुरू कौन है किसे गुरू बनाये यहा भी कहते है कि मनुष्य की प्रथम गुरू माँ होती है, कोई कहता है जो ज्ञान पिता से मिलता है वही सच्चा ज्ञान होता है,सच मे पिता ही असली गुरू होता है, मैं ने एक जगह पढा था कि "कृष्णम वंदे जगद्गुरू" जगत के गुरू कृष्ण का वंदन करो, घोर समस्या है कि माता - पिता भगवान है या गुरू है, वासुदेव यानी कृष्ण भगवान है या गुरू है , यह भटकाव है थोडा आप भी भटको और मुझे भी भटकने दो अगली पोस्ट मे फिर मिलते है इसी प्रश्न को लेकर कि भगवान कौन ?
मै रोज ध्यान लगाता हुँ कि भगवान दिख जाये लेकिन भगवान की जगह दिन भर की समस्याओ के दर्शन होते है मुझे समझ मे नही आता कि क्या किया जाये , फिर सोचता हुँ क्या जरूरत है मुझे सत्य की खोज करने की,पर मन नही मानता वह कहता है कि खोज तो करनी ही चाहिये, किसी गुरू का सहारा लेना चाहिये गुरू को मालूम है कि भगवान कौन है और सत्य क्या है लेकिन क्या सच मे गुरू ये सब जानता है कि सत्य क्या है फिर वह स्वम क्यो भटक रहा है जानने के बाद तो भटकाव बंद हो जाना चाहिये,
गुरू कौन है किसे गुरू बनाये यहा भी कहते है कि मनुष्य की प्रथम गुरू माँ होती है, कोई कहता है जो ज्ञान पिता से मिलता है वही सच्चा ज्ञान होता है,सच मे पिता ही असली गुरू होता है, मैं ने एक जगह पढा था कि "कृष्णम वंदे जगद्गुरू" जगत के गुरू कृष्ण का वंदन करो, घोर समस्या है कि माता - पिता भगवान है या गुरू है, वासुदेव यानी कृष्ण भगवान है या गुरू है , यह भटकाव है थोडा आप भी भटको और मुझे भी भटकने दो अगली पोस्ट मे फिर मिलते है इसी प्रश्न को लेकर कि भगवान कौन ?
enjoyed reading your post.keep it up :).
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